पारद शिवलिंग महत्व OPTIONS

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स्वयंभू शिव: स्फटिक शिवलिंग को भगवान शिव का स्वयंभू रूप माना जाता है। अर्थात, यह प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और किसी बाहरी प्रक्रिया से नहीं।

घर में पराद शिवलिंग रखना शुभ होता है। शिवलिंग को घर में रखने से घर में सुख-शांति और नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है। लेकिन शिवलिंग को घर में रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता हैः

शिव पुराण के अनुसार जो लोग शिवलिंग की पूजा करके महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, उन्हें सुबह के समय और दोपहर से पहले पूजा कर लेनी चाहिए. तभी ये पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है. इसके अलावा याद रखें कि घर में जिस जगह पर शिवलिंग हों, उनके पास पूरा शिव परिवार माता गौरी, गणपति और कार्तिकेय जी को भी बैठाएं.

मणेः कोटिगुणं बाणो बालाल्कोटिगुणं रसः।

अशी आख्यायिका मिळते कि समुद्र मंथनाच्या वेळी मोहिनी रूपातल्या स्त्री रुपी विष्णू ला पाहून शिव मोहित झाले आणि त्यांच्या मैथुन क्रियेतून पारा रुपी द्रव उत्त्पत्तीत आला.

Mercury is thought to possess terrific healing properties and metaphysical Positive aspects. It is said to elevate consciousness and advertise spiritual development. When used in the generation of thi afraid idol, these qualities are considered to amplify the blessings from the idol.

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- दूध-शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है।

पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभ

जीवनार्थी तू पयसा श्रीकामीक्षुरसेन वै।

पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। 

ह्या जन्मी पारद शिवलिंगाची पूजा केल्याने मागील जन्मो जन्मी ची सर्व पापे दूर होऊन ह्या जन्मी ची सुद्धा कष्ट मिटविण्याची शक्ती पारद शिवलिंगामंध्ये आहे.

संसार में वो सारे मानव श्रेष्ठ हैं जो पारद शिवलिंग की पूजा करते हैं click here और जो इस पूजा के फलस्वरूप सारे भौतिक सुख प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त करते हैं। 

क्या इन शिवलिंगों को खरीदते समय किसी विशेष बात का ध्यान रखना चाहिए?

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